Monday, August 15, 2016

कासगंज में घंटाघर पर राष्ट्र ध्वज का अपमान।

आज जब पूरे देश में स्वतंत्रता दिवस का समारोह पूरे उत्साह से मनाया जा रहा था तब जनपद कासगंज के व्यस्त बाज़ार में स्थित घंटाघर पर राष्ट्र ध्वज से ऊपर चरखे वाला झंडा फहराकर राष्ट्रध्वज का अपमान किया गया।
भारतीय झंडा संहिता 2002 के नियम 2.2(8) के अनुसार "किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय ध्वज से ऊंचा या उससे ऊपर या उसके बराबर नहीं लगाया जाएगा"
जबकि कासगंज में घंटाघर पर चरखे वाले झंडे को राष्ट्र ध्वज के बराबर नहीं बल्कि ऊपर फहराया गया। जो स्पष्ट रूप से राष्ट्रीय ध्वज के अपमान का मामला है।

कासगंज में इसी स्थान पर 1977 से पूर्व कांग्रेस पार्टी द्वारा चरखे वाला झंडा फहराया जाता था। 1977 में जनता पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा घंटाघर को एक सार्वजनिक संपत्ति होने के कारण राष्ट्रध्वज फहराए जाने हेतु एक जनआन्दोलन किया गया जिसपर प्रशासन द्वारा कांग्रेसी झंडे के स्थान पर राष्ट्रध्वज फहराए जाने को मान्यता दी गयी थी। कांग्रेसी झंडा हटाकर राष्ट्र ध्वज फहराए जाने को मान्यता दिए जाने के विरोध में तत्कालीन कांग्रेसी नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री एन डी तिवारी द्वारा एक आन्दोलन किया गया।
आज 38 वर्ष बाद पुनः चरखे वाले झंडे को राष्ट्र ध्वज से ऊपर स्थान देकर उसका अपमान किया गया है।